Thursday, March 6, 2008

शुक्रिया बाला साहब

सबसे पहले बहुत शुक्रिया आपका बाला साहब ठाकरे।
राज ठाकरे जी का भी धन्‍यवाद .
साथ ही आभारी हूं महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना का ।
इन लोगों के बहुत एहसान हैं।
खासकर हम बिहारियों पर
दरअसल पहले मैं बिहारी हुआ करता था।
ठोस खालिस देसी बिहारी.
बगैर किसी विशेषण या क्रिया विशेषण के।
भदेस बिहारी। एकदम ठेठ।
वैसे आज कल मुझे उत्तर-भारतीय भी माना जाने लगा है।
हिन्दी भाषी उत्तर भारतीय।
बहुत दिन नहीं हुए जब मेरे प्रांत से आने वाले तमाम भाईयों को पूरे देश से अलग समझा जाता था। उन्हें अलग एवं ख़ास विशेषणों से नवाज़ा जाता था,पर आज कल माहौल थोड़ा बदल गया है। ठेठ और भदेस समझे जाने वाले हम वतन भाई बन्धु इन दिनों अपने प्रमोशन का ख़ूब मज़ा भी ले रहे हैं। अब चुँकि ज़माना ग्‍लोबलाइज़ेशन का है सो किसी प्रकार हम बिहारियों का थोड़ा प्रमोशन और हो जाता तो बेहतर होता हम भी पूरे तौर पर भारतीय बन जाते।

बाला साहब की बड़ी मेहरबानी है कि उन्‍होंने यूपी वालों और समस्‍त हिंदी भाषा बोलने वालों को एक ही तराजू से तौल दिया। वरना हम बि‍हारियों को तो अब तक यूपीवाले भी उत्तर-भारतीय मानने से इंकार कर रहे थे। अब जब बाला साहब ने बात छेड़ ही दी है तो दिल में कुछ और ख्‍वाहिशें जवाँ होने लगी हैं


काश ! बाला साहब ठाकरे बुश की जगह अमेरिका के राष्‍ट्रपति होते और तब गरीब गंदे बिहारियों और तमाम दूसरे साफ सुथरे भारतीयों को एक साथ गरियाते। तब हम सच्‍चे अर्थों में भारतीय हो जाते. पूरा भारत ग़रीब हिन्दीभाषी होने के जुर्म में एक साथ खड़ा होता

हे बाला साहब ! आप ओबामा का रूप क्‍यों नहीं धारण कर अमेरिकी चुनाव को एन्टी बिहारी ऊप्स एन्टी इन्डियन का मुद्दा उछाल कर चुनाव अभियान को नई दिशा देते। वैसे अगर आप ओबामा या हिलेरी को अपना आशीर्वाद दे दें तो हो सकता है कि वह भी आपका काम कर देते । काश कि वह हम बिहारियों को तमाम भारतीय लोगों के साथ बुरा भला कहते।
और हम सब बिहारी यूपीवासी,गुजराती,मराठी जैसे छोटे विशेषणों से ऊपर उठ भारतीय बन जाते।

बाला साहब के लिये भी एक बड़ी खबर है

सुना है कि बिहार के झुमरी तलैया में तालाब के बीच में बाला साहब का एक मन्दिर बनवाया जा रहा है,ख़ास बात यह है कि मन्दिर में जाने के लिये उत्तर दिशा से एक भव्य प्रवेश-द्वार बनवाया जा रहा है जिस पर उत्तर भारतीय प्रवेश द्वार अंकित कराया जायेगा,मन्दिर में मराठियों का प्रवेश पर रोक होगी। केवल बाला साहब ही उनके इकलौते प्रतिनिधि के रूप में वहाँ मौजूद होंगे।

वैसे उत्‍तर-भारतीय होने की बात ही जुदा है,कुछ ख़ास है एक अजीब एहसास है।

बुधवार को मैंने अपने एक यूपी वाले भाईसाहब को फोन किया
घंटी जाने पर
जब उन्‍होंने पूछा कौन बोल रहा है?
मैंने कहा उत्तर-भारतीय बोल रहा हूँ साहब,
हिंदी भाषी भी हूँ ...
उन्‍होंने तुरंत अफसोस जताया और कहा
हां यार कल तक बाला साहब बिहारियों को बुरा-भला कह रहे थे
अब उन्‍होंने उत्तर-भारतीय को भी जोड़ लिया है
अब हमें मिलकर इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए.
हम मीडिया में है और चुप बैठे हैं बताओ क्‍या किया जाना चाहिए....

बताना जरूरी समझता हूं कि कुछ समय पहले जब असम में बिहारियों को मारा जा रहा था
बेचारों को वहां से भगाया जा रहा था
तब इन्‍हीं सज्जन ने मुझे फोन किया था
और कहा था बिहारी लोग बहुत गंदगी फैलाते हैं
उन्‍हें तो दिल्‍ली से भी भगा देना चाहिए.

बाद में जब रेलवे की नौकरी के लिए
बिहारी बेरोजगार महाराष्‍ट्र पहुंचे और वहां उनकी पिटाई हुई तो
एक दिल्‍लीवासी पंजाबी भाईसाहब से फोन पर बातचीत हुई थी
इसी मसले पर भाईसाहब ने
अफसोस जातते हुए कहा था कि
यार एक बात बोलूँ, बुरा मत मानना पर तुम लोग इसी के लायक हो
बुधवार सुबह
टीवी पर बाला साहब का बयान आने के बाद शाम को को
मैंने
इन्‍हीं पंजाबी भाईसाहब को फोन लगाया था
और कहा कि भाईसाहब मैं उत्तर-भारतीय बोल रहा हूं
मैं अब बिहारी नहीं रहा
उन्‍होंने कहा कि समझा नहीं
मैंने कहा
सर बाला साहब और ठाकरे परिवार की बड़ी मेहरबानी है
आजकल सभी हिंदी भाषी उत्तर-भारतीय बन गए हैं ,
कोई बिहारी, यूपी का भईया नहीं रहा
पता नहीं क्‍यूं
वह कुछ बोल नहीं पाए ...
सॉरी यार
बोल के फोन रख दिया...
बाद में
फोन ही नहीं उठाया उन्‍होंने ।

बताते चलें कि नोएडा के कॉल सेंटर ने ग़ज़ब का काम किया है
यूपी बिहारी और मुस्लिमों को नौकरी देने से इंकार कर दिया।
नेटएंबीट कंपनी और उनकी एचआर कंसल्‍टेंसी कनेक्‍ट ग्‍लोबल रिक्रूटमेंट का दिल से शु्क्रिया

बहुत दया है साब !
उन्‍होंने एक बार फ़िर‍ हम लोगों को साथ रख दिया है

मेरा मानना है कि इन सभी संस्‍थानों और संगठनों को देश में एकता और समरूपता के प्रहरी होने का पुरस्‍कार दिया जाना चाहिए.
............
जाते-जाते
बाला साहब का लेटेस्‍ट बयान पर एक हमवतन हिंदीभाषी उत्तर -भारतीय भाई का जबाब आया है..
बयान था
पहले बिहार में महात्‍मा बुद्ध,महावीर,चाणक्‍य पैदा होते थे इन दिनों लालू,पप्‍पू और चप्‍पू जैसे लोग पैदा हो रहे हैं
जवाब आया है
हमें अफसोस है कि बाला साहब और राज ठाकरे जैसे लोग यहां पैदा नहीं हो पाए......
……
शुक्रिया उत्तर-भारतीयों।
ठाकरे परिवार को ख़ास तौर से धन्यवाद।
बुरा लगे तो बिहारी समझ कर गाली दे देना।वैसे अब आप मुझे उत्तर भारतीय भी कह सकते हैं।