Saturday, December 12, 2009

जय हनुमान

जय हनुमान

वेलेंटाइन की रात जब घर लौटा तो टीवी पर जब हनुमान भक्तों की बहादुरी का नजारा दिख रहा था( हालांकि अखबार में होने की वजह से मुझे उनके कारनामों का पहले ही पता चल चुका था( लाइव तो दिखा नहीं कुछ हां जो कसरी बाकी थी हमारे दर्शकखोर न्यूज चैनलों ने पूरी कर दी( कैमरे के आगे हनुमान के उत्पाती भक्त और शिव के बौराए चेलों की करतूतों को देख रहा था( देर रात तक सारे न्यूज चैनलों पर यही तमाशा जारी था( एक ओर मोहब्बत करने वाले लोग थे दूसरी ओर मतांध भक्त थे और तीसरे ओर मीडिया वाले थे( ज्ञान बाचते हुए मुहब्बत पर हुए जुल्म की कहानी दिखाते, सब कैश हो रहा था( टीवी पर मसाला था, चुप बैठे समाजशास्त्रीयों और मनोवैज्ञानिकों को बोलने का अचूक अवसर मिला था, सो सभी बोले जा रहे थे( चारो दिशाओं से अलग अलग राय थोपी जा रही थी( कोई हिंदू और हिंदुस्तानी परंपरा की दुहाई दे रहा था कोई पश्चिमी संस्क2ती को गाली दिए जा रहा था( कुछ मोहब्बत के पक्ष में खडे थे( कुछ उसके विरोध में, कुछ स्वयं निरपेक्ष थे, हर ओर लामबंदी जारी थी( देखते देखते कब नींद आ गई पता ही नहीं चला
शायद सुबह के चार बजे होंगे( दरवाजे पर कोई आहट सी सुनी थी मैने, वातावरण में शांती सी छाई थी( दरवाजा खुला तो देखा सामने हनुमान जी स्वयं साक्षात पहुंचे थे, मैं चौंक गया था, लाल लंगोट धारी हनुमान जी ने मुझसे कहा मैं तुम्हें ले जाने आया हूं( वह मुझे लेकर चल पडे( दरवाजे के बाहर निकलते ही मुझे भक्तों की भीड दिखी( सबने समवेत स्वर में जय हनुमान कहा(
जय हो( हनुमान बोले(
तभी अचानक तूफान सा उठा
सामने एक तेज रोशनी आई
बतातें हैं कि भोले बाबा अपने बौराए भक्तों के साथ पहुंच गए थे
वेलेंटाइन मुर्दाबाद के तेज नारे गूंज रहे थे
सामने से कुछ और देव पहुंचे
पता चला पंचायत का वक्त हो चला है
मयराष्ट में आज पंचायत होनी थी(
पंचायत लगी
देवों की दिव्य पंचायत
मैं कुताZपायजामाधारी सामने खडा था
हनुमान जी बोले
बेटा कैमरा कहां है
शिव बोले लगता है आप पिं्रट वालों को उठा लाएं है
अरे तब लाइव कैसे होगा
देवों की पंचायत में चिंता दिखने लगी
पहले पत्रकार रह चुके नारदस्वामी पहुंचे
उन्होंने कहा इसके पास कुछ इलेक्टानिक वालों का नंबर है
उसे फोन करो बच्चा
मैंने अपनी जेब टटोली
मोबाइल तो मैं बिस्तर के सिरहाने छोड आया था
मैं नारद जी ओर नतमस्त हो बोला
प्रभू आप तो सबसे वरिष्ठ पत्रकार हैं
आप ही कोई रास्ता बताओ
नारद जी ने अपनी राग छेडी
देखते ही देखते वहां सभी हिंदी न्यूज चैनल वाले पहुंच गए
ओवी वैन तैनात हो चुकी थी
मंच सज चुका था
तभी घंटा बजा
सर रेडी ,,
जय हो
कैमरा रोलिंग

टीवी वाले हनुमान जी के पास पहुंचे
सर सबसे पहले अपने बारे में बातइए
क्वीक बाइट
मैं रामभक्त हनुमान, राम नाम जपता हूं, भक्तों के बुलावे पर पहुंचा हूं
सवालों का दौर शुरू हुआ
हनुमान जी आपके भक्तों ने जो किया, उसके बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे
देखिए मैं कोई राजनेता तो हूं नहीं,



तुम्हारी राय जानने आया हूं, टीवी और अखबारों में तो तुमने सब देखा( अब तुम क्या सोचते हो, मैंने कहा हे हनुमान
क्या प्रेम करना पाप हैं
बोले नहीं
तो प्रेम का विरोध
मयराश्ट से लेकर महाराश्ट तक
हर ओर विरोध
बोले
रामभक्त बोले
यह िशवसेना वालों का अपना मामला है

इतना सुनते ही टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग बदल चुकी थी देश भर के टीवी चैनलों पर धड़ाधड़
िशवसेना पर गुस्साएं हनुमान
चल चुका था
हनुमान एक बार फिर हिट थे
लोग
उधर एक िक्वक चैनल में हनुमान के विरोध में
िशवसेना की बाइट चल रही है
हनुमान भूल गए हैं
उन्हें भूलने की आदत है
राम ने भी याद दिलाया था
उनको उनकी अपनी ताकत का
अब हम दोबारा कोिशश करेंगे(
कुछ
पिछल्लगू किस्म के चैनलों पर भी
वही बाइट चुराकर चलाई जा रही थी
एक अन्य चैनल पर एमएनएस वाले ऑन एयर हो चुके थे
कुछ अंग्रेजी चैनलों ने भी हिंदू देवताओं को
चैनलों पर लाइव चैट के लिए बुलाया
पूरे मामले में हर ओर टीवी हिट था
यह सारा नजारा टीवी पर चल रहा था
ऐसा ही एक टीवी पूजा के प्रेमी के घर भी लगा था
टीवी पर हनुमंत कहानी देख पूजा अपने प्रेमी से बोली
डियर डू यू हैव ऐनी सेंस
तुम मेरे लिए फूल नहीं लाए
राजेश बोला, लाया हूं
जरा देना
उसने टीवी चैनलो के नाम फूल
चढाए
श्रदधासुमन अर्पित करने के बाद उसने टीवी बंद कर दिया
बोली जय हनुमान
इधर टीवी चैनलों की
टीआरपी कम होते ही
स्वर्गलोक में गुस्सा पसरने लगा था ओवी वैन वाले
तार समेट रहे थे(
इंद्र को गुस्सा आया
उसने कहा टीवी टीआरपी जगत में मेरी
बाइट के बगैर यह कैसे खबर चली
उसने सबको मना कर दिया
लाल लंगोट धारी ने मुझे वापस घर पर पटक दिया
और मैं घर बैठा सुबह अखबार का इंतजार करने लगा
अखबार में एक खबर छपी थी
जिसमें हनुमान ब्रांड के हिंदू भक्त
एक प्रेमी की पिटाई करते दिखाई दे रहे थे(
कैप्शन था
मोहब्बत पर सियासत
मेरे भी मुंह से निकला
जय हनुमान