अपनी जुबां अपना बयां
खुदा को गालियां देता था कोई
अजब अंदाज की ये बंदगी थी,
कि दिन में याद नहीं करता था कोई
रात को रोज यही शिकायत थी,
जमाने में रिवायतों का यह खेल देखो
वो साथ नहीं मेरे यही मोहब्बत थी,
कल टोका जो उसको तो कहा उन्होंने
यही वेलेंटाइन की जिंदगी थी !!
nice........
Post a Comment
1 comment:
nice........
Post a Comment