कुछ लिखूं तो कम होगा
कुछ कहूं तो कम होगा
मुझे तलाश थी जिसकी
वो मेरे सपनों सा कब होगा
जिंदगी शायद सपनों सी खुशहाल न होगी कभी
मौत तू मेरे दामन में कब होगा
जुस्तजू बाकी न रहेगी दिल मंे कोई
उसके गोद में जब मेरा सर होगा
मैं नहीं जानता की आगे क्या होगा
पर जो भी होगा वह अब कम होगा !!
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