Tuesday, June 24, 2008

उसे पाने की ख्वाइश में यह जिंदगी तमाम होगी........

विक्स्न भाई कभी पत्रकार थे. संगीत के शौक की वजह से उन्होने पेशा-ए-कलम को विदा कह दिया. पर भाई साहब लिखते बहुत खूब हैं.पेश है उनकी कलम से निकला ताज़ा तरीन नगमा ।

_______________________________________________________



उसे पाने की ख्वाइश में यह जिंदगी तमाम होगी........
क्या पता उसकी क्या मजबूरी होगी..
पर सच तो यह है कि मेरी सांसों से उसकी खुशबू अब कभी जुदा न होगी..
चाहता तो हूं उसे भुलाना मैं
लेकिन कमबख्त दिल के दरवाजे पर वो हर रोज दस्तक दे जाती है..
समझ में नहीं आ रहा कि अब मैं क्या करूं..
उसके इंतज़ार का सफर इतना लम्बा हो गया है
कि हर दिल अजीज साथ छोड़ता जा रहा है..
शायद यही वजह है कि दिल से बार बार पूँछता हूं
कि तू ही बता ए दिल मैं क्या करूं..
मेरा जीना मुश्किल मरना और भी मुश्किल हो गया है...
अब तो लगता है कि उसे पाने की ख्वाइश में ही यह जिंदगी तमाम होगी....

No comments: